डा. एम. वीरप्पा मोइली |
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विद्युत एवं कारपोरेट कार्य मंत्री
भारत सरकार
शास्त्री भवन, नई दिल्ली-110001
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संदेश
भारत एक
बहुभाषा-भाषी और बहु संस्कृतियों वाला देश है। हमारे देश में 28 राज्यों और 7
केन्द्र शासित प्रदेशों में लगभग 1576 भाषाएं बोली जातीं हैं जिनमें से 22 प्रमुख
भाषाओं को संविधान की 8वीं अनुसूची में मान्यता प्रदान की गई है। इन भाषाओं की भी
अपनी बोलियाँ हैं। कहते हैं कि दस कोस पर भाषा और पानी का स्वाद बदल जाता है। इन
विविधताओं को देखते हुए सहज ही है कि भारत में हजारों बोलियाँ हैं। फिर भी, इन
विभिन्नताओं को एकता के सूत्र में बांधने के लिए जिस माध्यम को हमने सर्वोत्तम
साधन के रूप में पाया वह हिन्दी है। यही कारण है कि हमारे संविधान निर्माताओं ने
दिनांक 14.09.1949 को हिन्दी को हमारी राजभाषा घोषित किया जिसके उपलक्ष्य में हम
प्रति वर्ष 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस मनाते हैं।
2. राजभाषा का अर्थ है शासन की भाषा, राज-काज की भाषा। किन्तु यह
हिन्दी के एक ही पहलू को उजागर करता है। हिन्दी वह भाषा है जो भारतीय संस्कृति की
प्रवाहिका है। हिन्दी एकमात्र ऐसी भाषा है जिसे सभी भारतीय अपना मानते हैं और
हिमालय की तराइयों से लेकर हिन्द महासागर तक तथा बंगाल की खाड़ी से लेकर अरब सागर
तक सभी भारतीय और भारत की सीमाओं से बाहर भी लोग इसे सप्रेम प्रयोग करते हैं।
3. भारत के औद्योगिक और वाणिज्यिक विकास में हिन्दी की भूमिका अहम है
क्योंकि पूरे भारत में आम जनता तक पहुंचने का यह सर्वोत्तम साधन है। कारपोरेट
कार्य मंत्रालय में हिन्दी के प्रचार-प्रसार हेतु दिनांक 10.09.2012 से 24.09.2012
तक “हिन्दी पखवाड़ा” मनाया जा रहा है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि कारपोरेट कार्य
मंत्रालय के कर्मी इस अवधि में हिन्दी में उत्साहपूर्वक कार्य करेंगे।
हिन्दी दिवस और हिन्दी पखवाड़ा के
अवसर पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ।
जय हिन्द।
(डा. एम. वीरप्पा मोइली)
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कारपोरेट कार्य राज्य
मंत्री
भारत सरकार
शास्त्री भवन, नई
दिल्ली-110001
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श्री आर.पी.एन.सिंह
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संदेश
भारतीय
संस्कृति दुनिया की प्राचीनतम संस्कृतियों में से एक है और संस्कृत दुनिया की
प्राचीनतम भाषाओं में से एक है। प्राचीन काल में संस्कृत पूरे भारत की संपर्क भाषा
थी। कालांतर में संस्कृत से अनेकानेक भाषाओं का जन्म हुआ। हिन्दी उन्हीं भाषाओं
में से एक है और इसने संस्कृत का स्थान ग्रहण किया है क्योंकि आज हिन्दी पूरे भारत
में समझी और बोली जाती है। अन्य बातों के साथ-साथ हिन्दी के गौरवशाली इतिहास
भारतीय संस्कृति में इसके योगदान, भारत के वृहत भाग में इसका प्रयोग और वृहत्तर
भाग में इसकी स्वीकार्यता पर विचार करते हुए संविधान सभा ने हिन्दी को राजभाषा
घोषित किया।
2. जिस तिथि को हिन्दी को राजभाषा घोषित किया गया अर्थात् 14.09.1949,
उस तिथि को हम प्रतिवर्ष हिन्दी दिवस के रूप में मनाते हैं और अपने सभी कार्य हिन्दी
में करने की वचनबद्धता दोहराते हैं। कारपोरेट
कार्य मंत्रालय भी हिन्दी के संवर्द्धन एवं प्रगामी प्रयोग हेतु कृतसंकल्प है।
मंत्रालय में दिनांक 10.09.2012 से 24.09.2012 तक “हिन्दी
पखवाड़ा” का आयोजन किया जा रहा है। मुझे
पूर्ण विश्वास है कि मंत्रालय के कर्मी हिन्दी में उत्साहपूर्वक कार्य करेंगे।
इस अवसर पर
मैं मंत्रालय के कर्मियों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ।
जय हिन्द।
(आर. पी. एन. सिंह)



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